लेखिका – प्रतिभा राजगुरु
संस्कृति के सूत्रपात के दिनों से ही, भारतीय समाज में “पहला सुख निरोगी काया” कहावत बहुत ही लोकप्रिय रही है। इसका मूल भाव यह है कि सभी सुखों की आधारभूत शर्त है स्वस्थ शरीर और तंदुरुस्ती। शायद ही कोई भी जीवन की ऐसी यात्रा हो जिसमें स्वास्थ्य की महत्ता का बोध न हो।
एक स्वस्थ शरीर के बिना, चाहे जीवन में कितनी भी संपत्ति, यश और मानसिक आनंद क्यों न हो, वे सभी अधूरे ही रहते हैं। एक बीमार शरीर स्वतंत्रता को सीमित करता है, जीवन के सभी आनंदों को छोटा करता है और हमारी संवेदनाओं और क्षमताओं को प्रभावित करता है। अतः, स्वस्थ शरीर ही जीवन की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर होना चाहिए।
यह सत्य है कि स्वास्थ्य ही धन है। यह हमें उर्जा, सुरक्षा और स्वतंत्रता देता है, जो हमें जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता दिलाने में मदद करता है। हमें स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की जरूरत है, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य शामिल हैं।
हमें यह भी समझना चाहिए कि जीवन में स्वास्थ्य की महत्ता को बढ़ावा देने के लिए हमें समाज में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने की जरूरत है। हमें अपने दैनिक जीवन में स्वास्थ्यवर्धक क्रियाएँ अपनाने की और लोगों को प्रेरित करने की आवश्यकता है।
संदेह के बिना, “पहला सुख निरोगी काया” के माध्यम से हमें अपने शरीर की देखभाल करने और स्वास्थ्य को हमारी जीवन शैली का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की आवश्यकता को समझाने का संदेश मिलता है। एक स्वस्थ शरीर ही हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं का पूरा आनंद लेने की क्षमता देता है, जो हमारे जीवन को पूरी तरह से समृद्ध बनाता है।
आजकल के व्यस्त जीवन में, हम स्वास्थ्य को नजरअंदाज करने की भूल कर देते हैं। हम अक्सर अपने काम में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि हमें अपनी सेहत की चिंता करने का समय ही नहीं मिलता। ऐसे में “पहला सुख निरोगी काया” हमें याद दिलाती है कि बिना स्वस्थ्य के, हमारी सभी उपलब्धियां और धन व्यर्थ हो सकते हैं।
हमारी स्वास्थ्य आदतें और जीवनशैली न केवल हमारे वर्तमान बल्कि भविष्य की सेहत पर भी प्रभाव डालती हैं। इसलिए, हमें स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के लिए विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम और प्रशांत मन से हम अपने शरीर और मन को स्वस्थ रख सकते हैं।
अंततः, “पहला सुख निरोगी काया” हमें यह बताती है कि स्वास्थ्य ही हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है। यदि हम स्वस्थ हैं, तो हम किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम होते हैं, जीवन के हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, और जीवन की हर खुशी का आनंद लेने में समर्थ होते हैं। इसलिए, हमें स्वास्थ्य को हमारी प्राथमिकता बनाने की आवश्यकता है, ताकि हम अपने जीवन को पूरी तरह से जी सकें।